Guru Hargobind Sahib Ji

Guru Hargobind Sahib Ji जब अरजन प्रभ लोक सिधाए।। हरगोबिंद तिह ठा ठहराए।। दलभंजन गुरू सुरमा वड जोधा बहु पर उपकारी श्री गुरू हरगोबिंद साहिब जी जिनको आज के दिन ही गुरू अर्जुन देव जी ने गुरू नानक देव जी की गद्दी पर बिठाया था। गुरू जी का जन्म 19 जून 1595 को गुरू की वडाली, जिला अमिृतसर साहिब मे माता गंगा जी व पिता श्री गुरू अर्जुन देव जी के घर पर हुआ। आप अपने माता-पिता जी के एकमात्र संतान थें आपके जन्म की कथा भी काफी निराली हैं। गुरू अर्जन देव जी से माता गंगा जी के विवाह को हुए काफी समय हो गया लेकिन उनके घर पर कोई भी संतान नही हुई। जिससे माता गंगा जी काफी उदास रहते थे और उन्हें किसी संतान की कमी महसुस हो रही थी। उन्होने एक दिन गुरू अर्जुन देव जी को कहा कि गुरू जी आप सभी संगतों को तो दुध-पुत का आर्शीवाद देते हो लेकिन आपके अपने घर पर ही कोई संतान नही हैं। इस पर गुरू जी ने माता जी को कहा कि सब कुछ ईश्वर के करने से होता हैं। हमारे करने से कुछ नही होता। हम किसी को भी कुछ नही दे सकतेें, लेकिन ईश्वर के भक्त ही हमारे घर में संतान होने का आर्शीवाद दे सकते हैं। गुरू जी ने माता गंगा को बाबा...