Shri Guru Harkrishan Sahib Ji
Shri Guru Harkrishan Sahib Ji श्री गुरु हर कृष्ण साहिब जी ( बुधवार , २३ जुलाई १६५६ - शनिवार , १६ अप्रैल १६६४ ) सिख धर्म के ही नही बल्कि संपूर्ण मानवजाति के गुरू हैं। वह सातवें गुरु, श्री गुरु हर राय साहिब जी और माता कृष्ण कौर जी (सुलखनी जी) के दूसरे पुत्र थे । बहुत-से लोगों ने गुरू जी के छोटी उम्र पर संशय भी किए। कि कोई 5 साल का बालक कैसे गुरू बन सकता है। पर वास्तव मेंं गुरू तो, एक ज्ञान का ज्योत स्वरूप है जो किसी भी उम्र का मोहताज नही। कभी यही ज्योत गुरू अमरदास जी जो काफी बुजर्ग थें उनमें विराजित होती है तो कभी गुरू हरकृष्णि साहिब जी मे। भाई गुरूदास जी लिखते है कि जैसे एक हीरा छोटा—सा होता है लेकिन उसका मूल्य अन्य सभी रत्नो, जवाहरों से अधिक होता है। इसीप्रकार गुरू जी का स्वरूप हैं। दुसरा उदाहरण देते हुए वह लिखते है कि जैसे हम आज एटीएम से पैसे निकालते है वैसे ही पहले भी जब कोई बाहर जाता था जो वह अपने पड़ोस के किसी साहूकार से छोटे—से कागज पर कुछ लिखकर दे देता है और जब बाहर जरूरत पड़ने पर वह किसी भी साहूकार से उस कागज को दिखाकर धन ले सकता है। वह छोटा—सा कागज भी इतना मूल्य रखता ह...