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Story-One and Haff friends

 

किसी गांव में एक साहूकार रहता था,जिसका एक लड़का था। वह अपना सारा समय अपने मित्रों के साथ ही बिताता था। जिसके कारण उसका पिता उससे काफी नाराज रहता था।
 एक दिन उसने अपने पुत्र को कहा कि वह अपने सारे मित्रों को किसी काम के लिए बुलाए। उसने अपने पिता की बात मानकर अपने मित्रोंं को उसके पास आने को कहा। लेकिन उसके पास कोई भी नही आया। जिससे वह निराश हो गया। बाद में उसके पिता ने उसे कहा कि उसके भी मित्र है जो किसी भी काम को करने के लिए उसे कभी मना नहीं करते। 
उसके पुत्र ने उससे पूछा कि पिता जी, आपके कितने मित्र है तो उसने कहा कि मेरे डेढ़ मित्र है। इस पर, उसको काफी हैरानी हुर्ई कि डेढ़ मित्र। फिर उसका पिता उसे अपने मित्रोंं से मिलाने के लिए ले गया।
 सबसे पहले वह एक व्यक्ति के पास गया। जिसने उसके पिता व उसका स्वागत किया और उनसे पूछा कि मित्र बताओंं तुमे कितनी धन की आवश्यकता है। तुम इतनी रात को आए हों ँ क्या कोई आर्थिक तंगी है। इस पर, उसके पिता ने उसे कहा कि वह तो केवल अपने पुत्र को उससे मिलाने के लिए आया है। फिर वह अपने एक और मित्र के पास चला गया। 
और उसके दूसरे मित्र ने उसके पिता को देखकर कहा कि कहों मित्रों तुमे किसी ने कुछ कहा  है क्या?  किसी ने तुम्हारें साथ गलत किया है? चलों मैं तुम्हारे साथ चलता हूँ और उसको दडिंत करेगे। इस पर उसके पिता ने उसी भी यही कहा कि मैं अपने पुत्र को तुमसे मिलवाने के लिए आया हूँ।
 रास्ते में उसके पिता ने अपने पुत्र को समझाया कि जो पहला वाला मेरा मित्र था। वह मेरा आधा ही मित्र था। वह मेरी जरूरत केवल धन से ही पूरी कर सकता था। वह अपने आप नहीं जा सकता। लेकिन जो दूसरा मित्र था वह मेरा पूरा एक मित्र था। जो जरूरत पड़ने पर मेरे साथ चलकर किसी का भी सामना कर सकता है। 
अब उसके पुत्र को सही मित्र की परख के बारे में पता चला गया। 

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