Baba Budda ji birth
waheguru ੴ श्री सतगुरू प्रसादि बाबा बुढ्डा जी जिनका जन्म कॅतक 7 1553 को अमिृतसर शहर के गांव गोगेनगर जिसे अब कथुनगर कहा जाता है, में पिता सुखा सिंह रंधावा के घर हुआ। उनके माता—पिता जी काफी धार्मिक प्रवत्ति वाले थे जिसके कारण उन्हें बाबा जी जैसी धार्मिक स्ंतान का आगमन उनके घर में हुआ। बाद में वह एक भैंसों को चराने वाले बन गए। गुरू नानक देव जी से मुलाकात— एक बार गुरू नानक देव जी ने अपने सिखों को कहा कि यहां से कुछ दुरी पर एक बालक बकरियां चरा रहा हैं। उसे हमारे पास लेकर आओ। गुरू जी का आदेशपाकर वह उसे लेने चले गए। उस बालक ने आकर गुरू जी को प्रणाम किया। गुरू जी ने उससे पूछा कि तुम्हारा नाम क्या हैं। उसने उत्तर दिया कि गुरू जी मेरे माता—पिता ने मेरा नाम बूड़ा रखा हैं। गुरू जी ने उससे कुछ सवाल किये और उसके बाद उसे वापिस भेज दिया।अगले दिन वहीं बालक सुबह अमिृतवेले 3—4 बजे गुरू जी के पास आया। उसने गुरू जी को प्रणाम किया और कहा कि गुरू जी आज मैं आपके लिए मखन्न लेकर आया हूं। गुरू जी ने उससे पूछा कि क्या तुम यह मखन्न चुरा कर तो नहीं लाए, कि कहीं तुम्हारे माता—पिता तुम्हे बाद में हमारे कारण डांटे।...